लेखनी कहानी -29-Nov-2022 आरंभ
आरंभ
यह प्रकृति बहुत खूबसूरत है
सदैव मुस्कुराती रहती है
किसी नव यौवना की तरह ।
इसमें रोज हजारों अंत, आरंभ हैं
हजारों पौधे रोज जन्म लेते हैं
नये विचार, नई सोच की तरह
और हजारों ही पौधे रोज मरते हैं
तमन्नाओं, ख्वाहिशों की तरह ।
पर प्रकृति ना शोक मनाती है
ना रुकती है ना थकती है
वह आज मैं जिंदा रहती है
कुछ पौधे स्वयं उग आते हैं
स्वत: आये हुए अवसर की तरह
कुछ पौधे हमें लगाने होते हैं
शुभ नया श्रेष्ठ कार्य करने की तरह
जिसे कभी तो आरंभ करना ही होगा ।
कब तक टालमटोल करते रहेंगे
कब तक इच्छाओं के जंगल में भटकते रहेंगे
कामनाओं का वन अनंत है
सुंदर सुंदर फूल मन लुभाते हैं
पथ से डिगाते हैं , लक्ष्य से हटाते हैं
पर स्मरण कर उसका जिसके अंश हैं हम
उसी की ओर चलना आरंभ तो कर
सारी ऊर्जा, परिश्रम , विचार झोंक दे
पहुंचेगा एक दिन मंजिल पर, विश्वास कर
उसकी ओर बढा एक कदम आरंभ है
कामनाओं से मुक्ति का , मोक्ष का ।
श्री हरि
29.11.22
Gunjan Kamal
05-Dec-2022 08:03 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Hari Shanker Goyal "Hari"
06-Dec-2022 12:32 AM
धन्यवाद जी
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Sandesh kumar 'Sarthak'
30-Nov-2022 08:03 AM
Wahhhh बहुत ही उम्दा अभिव्यक्ति
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Hari Shanker Goyal "Hari"
06-Dec-2022 12:32 AM
धन्यवाद जी
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Khan
29-Nov-2022 08:22 PM
Nice 👍💐
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Hari Shanker Goyal "Hari"
06-Dec-2022 12:32 AM
धन्यवाद जी
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